रोमानियाई बालक, वासना से जलाया जाता है, आत्म-आनंद में लिप्त होता है, उसकी उंगलियां उसके कठोर शाफ्ट पर नाचती हैं । उसका दूसरा हाथ उसके तंग रियर की खोज करता है, जिससे परमानंद की लय बनती है । शराब उसकी इंद्रियों को बढ़ाती है, जिससे एक जंगली, गीला चरमोत्कर्ष होता है ।